हम सब जानते ही हैं की संस्कृत भाषा, सभी भारतीय भाषाओँ तथा अनेकों वैश्विक भाषाओँ की जननी है.

भारतीय संस्कृति को निकट से और स्पष्टता से समझना है तो उसका उपाय है संस्कृत भाषा को समझना।संस्कृत को समझने से भारतीय ग्रंथों, पुराणों तथा इतिहासों को समझना सरल हो जायेगा।लेकिन किसी भी भाषा को तभी ठीक से सीखा या समझा जा सकता है जब उस भाषा की व्याकरण का  ज्ञान हो। उसी प्रकार संस्कृत भाषा को समझने हेतु संस्कृत व्याकरण का ज्ञान अनिवार्य है।

पराधीनता के कालखंड में गुरुकुलों के नष्ट होने और उसके बाद की सरकारों के संस्कृत के प्रति उदासीनता के कारण इस भाषा को सीखने वालों और इस भाषा को प्रचुर मात्रा में हानि हुई है।हालाँकि, अभी भी हम आशावान हैं क्योंकि देश में १० से अधिक संस्कृत विश्वविद्यालय हैं जो सुचारु रूप से कार्यरत हैं।

अब मूल प्रश्न पर आते हैं, कि संस्कृत व्याकरण सीखने का सरल उपाय क्या है?इस प्रश्न का एक उत्तर हो ऐसा संभव और उचित दोनों नहीं है, तथापि हम कुछ उपाय आपको बताना चाहते हैं:

  • संस्कृत व्याकरण सीखने हेतु आप किसी संस्कृत विश्वविद्यालय में नामांकन करा सकते हैं और उनके पाठ्यक्रम के अनुरूप अपनी शिक्षा प्रारम्भ कर सकते हैं।
  • आप इंटरनेट का सहयोग भी ले सकते हैं, जिससे आप निःशुल्क पाठ्यक्रम ले कर व्याकरण सीख साकेत हैं।

अब इन सबसे इतर आपको एक महत्वपूर्ण उपाय बताना चाहते हैं:

आज स्वाध्याय के युग आप भी स्वयं अध्ययन करके संस्कृत सीख सकते हैं।

इसके लिये हम आपको कुछ अत्यधिक महत्वपूर्ण पुस्तकों से परिचय कराना चाहते हैं :

यह सभी पुस्तकें संस्कृत व्याकरण सीखने में अत्यंत उपयोगी हैं। ऐसा सैकड़ों शिक्षार्थियों का जो इन पुस्क्तकों से पढ़ चुके हैं या पढ़ रहे हैं, उनका मानना है।

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